केंद्र सरकार 50 साल पुराने कानून में बदलाव करने जा रही है। नरेंद्र मोदी सरकार इनकम टैक्स से जुड़े पुराने कानून में बदलाव करने वाली है।
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के सदस्य अखिलेश रंजन की अध्यक्षता वाली टास्क फोर्स समिति ने ”डायरेक्ट टैक्स कोड” रिपोर्ट केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण को सौंप दी है। जिसमें बदलव की रूपरेखा है।
डायरेक्ट टैक्स कोड के लागू होने के साथ ही इनकम टैक्स एक्ट 1961 का वजूद खत्म हो जाएगा। अहम बात यह है कि इस बदलाव को लेकर इस समिति का गठन दो साल पहले किया गया था। यानी मोदी सरकार इस पर करीब दो साल से काम कर रही है।
यहां बता दें कि नवंबर 2017 में टास्क फोर्स समिति का गठन हुआ था। पहले इस समिति को 31 मई 2019 तक रिपोर्ट सौंप देनी थी। लेकिन बाद में बीते 26 मई को दो महीने का अतिरिक्त समय दिया गया। इस बदलाव का सबसे बड़ा फायदा टैक्सपेयर्स को होने वाला है।
आयकर विभाग के अधिकारियों के अनुसार ”डायरेक्ट टैक्स कोड” कानून में न सिर्फ नौकरीपेशा लोगों पर टैक्स का भार कम किया जाएगा, बल्कि रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया भी सरल बनाई जाएगी।
यह उम्मीद की जा रही है कि इस नए कानून के जरिए टैक्सपेयर्स की संख्या में वृद्धि होगी। इससे पहले यूपीए सरकार ने भी डायरेक्ट टैक्स कोड के जरिए टैक्स कानून में बदलाव लाने का प्रयास किया था , लेकिन यह असफल रहा था। लेकिन इस बार मोदी सरकार इस कानून को लागू कर सकती है। जिससे टैक्सपेयर की संख्या में बढ़ौतरी होगी।
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